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बिहार बोर्ड का बड़ा डिजिटल कदम अब ऑनलाइन होगा प्रमाणपत्र सत्यापन, ऑफलाइन प्रक्रिया खत्म
- Reporter 12
- 21 Dec, 2025
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने प्रमाणपत्र सत्यापन की प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल बनाने की दिशा में बड़ा फैसला लिया है। बोर्ड ने इसके लिए डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन सिस्टम (DVS) नाम से एक नया ऑनलाइन प्लेटफॉर्म शुरू किया है। इस व्यवस्था के तहत 1 जनवरी 2026 से किसी भी तरह का ऑफलाइन आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।
बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर के अनुसार, नई प्रणाली से दस्तावेज़ सत्यापन पहले की तुलना में ज्यादा तेज़, पारदर्शी और भरोसेमंद हो जाएगा। सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों को अब सत्यापन के लिए सबसे पहले पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य होगा।
ऐसे काम करेगा नया सिस्टम
रजिस्ट्रेशन के दौरान संस्थानों को अपनी पूरी जानकारी पोर्टल पर दर्ज करनी होगी। इसके बाद लॉगिन कर वे जिन विद्यार्थियों के दस्तावेज़ सत्यापित कराने हैं, उनकी संख्या और विवरण ऑनलाइन अपलोड करेंगे। निर्धारित शुल्क का भुगतान भी डिजिटल माध्यम से किया जाएगा।
शुल्क जमा होते ही सत्यापन प्रक्रिया स्वतः शुरू हो जाएगी। यह सुविधा सिर्फ मैट्रिक और इंटर परीक्षा तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि शिक्षक पात्रता परीक्षा, डीएलएड, सक्षमता परीक्षा सहित अन्य सभी प्रमाणपत्रों पर लागू होगी।
डाक से छुटकारा, सिस्टम होगा स्मार्ट
बोर्ड ने बताया कि अब तक सत्यापन के लिए हर साल हजारों आवेदन डाक के जरिए आते थे, जिससे न सिर्फ समय ज्यादा लगता था बल्कि प्रक्रिया को ट्रैक करना भी मुश्किल होता था। अब यह पूरी प्रक्रिया DVS पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन संचालित होगी।
सिस्टम की खास बात यह है कि संस्थान का पूरा पता दर्ज करते ही सॉफ्टवेयर खुद तय करेगा कि फाइल बोर्ड के किस अधिकारी या विभाग के पास भेजी जानी है। इसके साथ ही संस्थान की श्रेणी—सरकारी, निजी, राज्य या विदेशी—के आधार पर शुल्क भी स्वतः निर्धारित हो जाएगा।
छात्रों और संस्थानों दोनों को फायदा
बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि इस डिजिटल बदलाव से न सिर्फ समय और संसाधनों की बचत होगी, बल्कि सत्यापन प्रक्रिया में पारदर्शिता भी बनी रहेगी। यह कदम छात्रों और संस्थानों—दोनों के लिए एक सुविधाजनक और भरोसेमंद व्यवस्था साबित होने की उम्मीद है।
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